मानव सभ्यता में प्राचीन काल से ही विशाल प्रतिमाओं (Tallest Statues) को बनाने की परंपरा रही है। वर्तमान में भी हमारे सामने विशाल मूर्तियों के अनेक उदहारण हैं। इन विशाल प्रतिमाओं में से अधिकांश महान व्यक्तित्वों की हैं या इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित हैं। इनकी ऊँचाई इन्हें आकर्षण का केंद्र बनाती हैं, जिससे देश के पर्यटन उद्योग को भी बल मिलता है।
अक्सर लोग अनुमान लगाते हैं कि दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा (Tallest Statues) कौन सी होगी? उसकी ऊँचाई कितनी होगी?
Which is the biggest statue in the World?
Which is the tallest statue in the World?
इस लेख में दस सबसे विशाल प्रतिमाओं (Tallest Statues) के बारे में बताया गया है।
इस क्रम का आधार केवल मूर्तियों की ऊँचाई है।
इसमें मूर्तियों के बेस की ऊँचाई को सम्मिलित नहीं किया गया है।
आप को जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व प्रसिद्ध “स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी” इस सूची में अपना स्थान बनाने में असफल रही है।
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity)
भारत के गुजरात राज्य में स्थित “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा (Tallest statue in the world) है।
इसकी 182 मीटर (597 फीट) की ऊँचाई, इसे सबसे विशाल प्रतिमाओं (Tallest Statues) की सूची में पहला स्थान दिलाती है।
यह विशाल प्रतिमा (Largest statue) भारतीय राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की है।
जो स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे।
भारत की 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को एकल संघ बनाने में उनका महान योगदान था।
यह विशाल प्रतिमा (India’s largest statue) सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भारतीय मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया था और इसका निर्माण भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने किया।
इस विशाल प्रतिमा(Tallest statue) का उद्घाटन सरदार पटेल के जन्म की 143वीं वर्षगांठ पर 31 अक्टूबर 2018 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
अपने उद्घाटन के पहले वर्ष में ही, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने 2,900,000 पर्यटकों को आकर्षित किया, जिससे राजस्व में ₹82 करोड़ (US$11.64 मिलियन) एकत्र हुए।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की दैनिक औसत पर्यटक संख्या 15,000 से अधिक है, जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के लगभग 10,000 दैनिक पर्यटकों की संख्या को पीछे छोड़ देती है।
“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के बारे में अधिक जानने के लिए – https://statueofunity.in/
स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा (Spring Temple Buddha)
चीन के हेनान प्रान्त के झाओकुन टाउनशिप में स्थित महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा “स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा” नाम से प्रसिद्ध है।
128 मीटर (420 फीट) की ऊँचाई वाली यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (tallest Statues) की सूची में दूसरे स्थान पर है।
इसका निर्माण 2008 में पूरा हुआ था।
तबसे से लेकर 2018 तक (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण तक) यह विशाल मूर्ति (World’s tallest statues) पहले स्थान पर थी।
इस विशाल बुद्ध प्रतिमा के निर्माण में सौ किलो से अधिक सोना, 3300 टन तांबे की मिश्रित धातु और 1,500 टन स्टील का उपयोग किया गया है।
मूर्ति के नीचे लगे स्टैंड में 6,666 छोटी बुद्ध प्रतिमाऐं लगी हुई हैं।
इस मूर्ति का नाम पास में स्थित तियानरुई गर्म पानी के झरने से प्रेरित है।
जिसका पानी 60 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है और अपने उपचारात्मक गुणों के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
इस विशाल प्रतिमा (world highest statue) के पास तांग राजवंश के दौरान बनाया गया फोक्वान मंदिर भी है।
फोक्वान मंदिर में 116 टन वजन की कांस्य की घंटी लगी है, जिसे “बेल ऑफ गुड लक” कहते हैं।
स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा के बारे में अधिक जानें – https://www.springtemplebuddha.com/statue/
लेक्युन सेक्या (Laykyun Sekkya)
विशाल बुद्ध प्रतिमा लेक्युन सेक्या दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है।
116 मीटर ऊंची यह गौतम बुद्ध की प्रतिमा म्यांमार में मोनिवा के पास खटाकन ताउंग गांव में स्थित है।
इसका निर्माण 1996 से शुरू होकर फरवरी 2008 में सम्पन्न हुआ।
सितंबर 2008 में स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा के पूरा होने तक कुछ महीनों के लिए यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा (world’s tallest monument) थी।
2018 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के बाद विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues in the world) में इसका स्थान तीसरा हो गया है।
लेक्युन सेक्या प्रतिमा में गौतम बुद्ध की एक लेटी हुई मूर्ति के बगल में एक खड़े गौतम बुद्ध को दर्शाया गया है।
यह महापरिनिर्वाण के दृश्य को दर्शाता है।
लेक्युन सेक्या प्रतिमा बोधि वृक्षों और सैकड़ों बैठी हुई बुद्ध प्रतिमाओं के बगीचे में स्थित है।
मुख्य संरचना के आंतरिक भाग में बौद्ध शिक्षाओं का चित्रण है।
गौतम बुद्ध की यह प्रतिमा 115.8 मीटर (380 फीट) ऊंचे सिंहासन पर विराजमान है।
बर्थ ऑफ़ द न्यू वर्ल्ड – कोलंबस की मूर्ति (Birth Of The New World – Columbus Statue)
प्योर्टो रिको, अमेरिका के अटलांटिक तट पर स्थित कोलंबस की कांस्य मूर्ति को “बर्थ ऑफ़ द न्यू वर्ल्ड” कहा जाता है।
2016 में पूरा होने पर, यह उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues) में इस 110 मीटर (360 फुट) ऊंची मूर्ति का स्थान चौथा है।
इसे जॉर्जियाई मूर्तिकार ज़ुराब त्सेरेटेली द्वारा क्रिस्टोफर कोलंबस की पहली यात्रा की 500 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक स्मारक के रूप में डिजाइन किया गया था।
प्रतिमा में कोलंबस को एक स्टीयरिंग व्हील के कालानुक्रमिक चित्रण को नियंत्रित करते हुए दर्शाया गया है।
जिसकी पृष्ठभूमि में नीना, पिंटा और सांता मारिया अटलांटिक महासागर को पार कर रहे हैं।
मूर्तिकार ज़ुराब त्सेरेटेली ने इसका निर्माण 1991 में ही कर लिया था।
लेकिन अमेरिका के कई मुख्य शहरों ने इसे अपने यहाँ स्थापित करने से मना कर दिया।
अंत में दशकों के प्रयास के बाद इसे प्योर्टो रिको लाया गया।
आज यह विशाल प्रतिमा (world tallest statues) बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रही है और अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही है।
स्टैच्यू ऑफ बिलीफ (Statue of Belief)
भारत, राजस्थान में नाथद्वारा में स्थित हिंदू भगवान शिव की विशाल मूर्ति को “स्टैच्यू ऑफ बिलीफ” कहते हैं।
107 मीटर (351 फीट) ऊंची यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची भगवान शिव की मूर्ति है।
अगस्त 2019 में बनी इस मूर्ति का विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues) में पाँचवा स्थान है।
मूर्ति में भगवान शिव एक पैर मोड़कर बैठी हुई मुद्रा में हैं और उनके बाएं हाथ में त्रिशूल है।
इस विशाल प्रतिमा (Tallest statue in India) को 20 किलोमीटर (12 मील) दूर से देखा जा सकता है।
प्रतिमा के आंतरिक भाग में एक प्रदर्शनी हॉल भी है।
इस के साथ-साथ 20 फीट, 110 फीट और 270 फीट ऊँचाई पर लिफ्ट द्वारा सुलभ सार्वजनिक देखने वाली दीर्घाऐं हैं।
यहाँ शिव भगवान के बैल नंदी की मूर्ति भी है, जो 25 फीट ऊंची और 37 फीट लंबी है।
16 एकड़ के परिसर में पार्किंग, हर्बल उद्यान, फूड कोर्ट, लेजर फव्वारा और हस्तशिल्प की दुकानें भी हैं।
मूर्ति (India’s largest statue) की कल्पना भारतीय व्यवसायी मदन पालीवाल ने की थी और इसे शापूरजी पल्लोनजी ने बनवाया था।
उशिकु दाइबुत्सु (Ushiku Daibutsu)
जापान, उशिकु में स्थित भगवान् बुद्ध की विशाल प्रतिमा को उशिकु दाइबुत्सु कहते हैं।
इसका अर्थ है उशिकु में स्थित बुद्ध की विशाल मूर्ति।
1993 में बनी पीतल की इस 100 मीटर (330 फीट) ऊंची मूर्ति का विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues) में छठा स्थान है।
यह विशाल प्रतिमा 10 मीटर ऊंचे आधार और उसके ऊपर बने 10 मीटर के कमल पर खड़ी है।
इसका निर्माण बौद्ध धर्म के “जोडो शिन्शो” या “True Pure Land School” के संस्थापक शिनरान के जन्म की स्मृति में कराया गया था।
मूर्ति के अंदर लगी लिफ्ट पर्यटकों को 85 मीटर (279 फीट) ऊँचाई तक ले जाती है।
जहाँ से वे बाहर देख सकते हैं।
इस विशाल प्रतिमा (Worlds tallest statues) के चारों तरफ पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न स्थल हैं।
उशिकु दाइबुत्सु के बारे में अधिक जानने के लिए – https://daibutu.net/
सेंडाई डाइकनोन (Sendai Daikannon) (Tallest Statues)
जापान के सेंडाई में स्थित बायक्यू कनोन की एक विशाल मूर्ति को सेंडाई डाइकनोन कहते हैं।
कनोन एक दयालु बोधिसत्व हैं और जापानी बौद्ध धर्म में सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक बार चित्रित देवताओं में से एक हैं।
1991 में निर्मित यह विशाल प्रतिमा लगभग 100 मीटर (328 फीट) ऊंची है।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues in the world) में इसका स्थान सातवां है।
यह मूर्ति बोधिसत्व कनोन की है, जिन्हें बायक्यू कनोन के नाम से जाना जाता है।
जिसका अर्थ है “सफेद वस्त्रधारी कनोन” और उनके हाथ में चिंतामणि मणि है।
चिंतामणि, हिंदू और बौद्ध दोनों परंपराओं में एक इच्छा-पूर्ति करने वाला रत्न है।
पर्यटक इस विशाल प्रतिमा (worlds biggest statues) के भीतर प्रवेश कर सकते हैं।
पहली मंजिल पर बुद्ध और पौराणिक राजाओं की कई बड़ी मूर्तियाँ हैं।
पर्यटक लिफ्ट से 12वीं मंजिल तक जाते हैं और फिर सीढ़ियों और रैंप से नीचे आते हैं।
प्रत्येक तल पर लकड़ी के अलमारियाँ में आठ बुद्ध रखे हुए हैं, जिनकी कुल संख्या 108 है।
गुइशान गुआनिन (Guishan Guanyin) (Tallest Statues)
चीन के हुनान प्रांत के निंग्ज़ियांग में स्थित गुइशान गुआनिन, चान बौद्ध मंदिर, मिईन मंदिर में है।
2009 में निर्मित यह विशाल प्रतिमा 99 मीटर (325 फीट) ऊंची है।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues in the world) में इसका स्थान आठवाँ है।
यह विशाल प्रतिमा कांसे की है, जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है।
इस विशाल मूर्ति (world tallest statue) में बोधिसत्व गुआनिन की अभिव्यक्ति को दर्शाया गया है, जिनके ग्यारह सिर और हजारों हाथ हैं।
हजार हाथ बोधिसत्व प्रेम का एक बौद्ध प्रतीक है।
ग्यारह सिर, एक हजार आँखें और हजार हाथ वाला असाधारण शारीरिक रूप, अधिक से अधिक लोगों की मदद करने की भावना को दर्शाता है।
थाईलैंड के महान बुद्ध (Great Buddha of Thailand)
आंग थोंग प्रांत, थाईलैंड में वाट मुआंग मंदिर में स्थित यह विशाल बुद्ध प्रतिमा कंक्रीट की बनी है और इस पर सुनहरा पेंट किया गया है।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues) में इस 92 मीटर (300 फुट) ऊंची मूर्ति का स्थान नौवां है।
2008 में निर्मित इस विशाल मूर्ति के पास “हेल गार्डन” भी है, जिसमें बौद्ध नर्क के विभिन्न दृश्यों को दर्शाती मूर्तियाँ हैं।
साथ में देवताओं, राजाओं और बर्मी-स्याम देश युद्ध की घटनाओं का स्मरण कराती मूर्तियां हैं।
इसके साथ यहाँ पर्यटक ग्लास ऑर्डिनेशन हॉल का आनंद ले सकते हैं।
यह एक ऐसा कमरा है, जिसे फर्श से छत तक दर्पण वाली मोज़ेक टाइलों से सजाया गया है।
इसमें ठोस चांदी से बने बुद्ध हैं।
होक्काइडो कनोन (Dai Kannon of Kita no Miyako Park) (Tallest Statues)
जापान, होक्काइडो द्वीप के आशिबेट्सु शहर में स्थित होक्काइडो कनोन एक विशाल बुद्ध प्रतिमा है।
1989 में निर्मित यह विशाल मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं (Tallest statues in the world) में दसवें स्थान पर है।
88 मीटर (289 फीट) ऊंची इस बुद्ध प्रतिमा ने सफ़ेद वस्त्र धारण किये हुए हैं।
यह मूर्ति होक्काइडो द्वीप पर किता नो मियाको पार्क में है।
इस मूर्ति के अंदर लिफ्ट है और इसमें 20 मंजिलें हैं।
इन मंजिलों में विभिन्न बौद्ध देवताओं के लिए मंदिर और पूजा स्थल हैं।
साथ ही आशिबेट्सू शहर और मूर्ति के आसपास के क्षेत्रों का अच्छा दृश्य देखने के लिए एक मंच भी है।