Dangerous Roads (खतरनाक सड़कों) की इस सूची में दुनिया की कुछ सबसे भयानक और घातक सड़कों को शामिल किया गया है। इन सड़कों पर ड्राइविंग करने के लिए बहुत निपुणता चाहिए। यदि आप कुशल ड्राइवर नहीं हैं तो इनसे दूर रहें। ये सड़कें इतनी खतरनाक हैं कि अनुभवी ड्राइवरों को भी पसीना आ जाये। इसके बावजूद भी बहुत से पर्यटक इन सड़कों पर वाहन चलाते हैं और सुंदर दृश्यों को देखने का लाभ उठाते हैं।
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ज़ोजी ला (Zoji La) (Dangerous Roads)
भारत में लद्दाख के कारगिल जिले में स्थित ज़ोजी ला समुद्र तल से 11,575 फीट की ऊंचाई पर एक पर्वतीय दर्रा है।
ज़ोजी ला का अर्थ है “बर्फीले तूफ़ान का पहाड़ी दर्रा”।
इसे दुनिया के सबसे घातक दर्रों (most dangerous roads in the world) में से एक कहा जाता है।
25.8 किमी लंबी यह एक लेन की सड़क सबसे ऊंचे पहाड़ों से होते हुए लद्दाख के लोगों को कश्मीर घाटी से जोड़ती है।
यह इतनी संकरी है कि एक कार इसमें फिट हो सकती है और सड़क की संकरी चौड़ाई के कारण भारी वाहनों को चलना मुश्किल हो जाता है।
तीव्र हिमपात के कारण ज़ोजी ला अक्सर 15 से 24 मीटर बर्फ से ढका रहता है और वसंत ऋतु के उत्तरार्ध में खुलता है।
सीमा सड़क संगठन को इसे साफ करने में दो महीने का समय लगता है।
भारत सरकार ने ज़ोजी ला सुरंग परियोजना को जनवरी 2018 में अनुमोदित किया।
इसके निर्माण की शुरुआत का उद्घाटन मई 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
14 किमी लंबी इस सुरंग से जोजी ला को पार करने में लगने वाला समय 3 घंटे से घटकर महज 15 मिनट रह जाएगा।
सुरंग की शुरुआती लागत 930 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
पूरा होने पर यह एशिया की सबसे लंबी द्विदिश सुरंग (Bidirectional Tunnel) होगी।
ज़ोजी ला पास की स्थिति जानने के लिए – https://leh.nic.in/notice/order-opening-of-zojila-pass/
नार्थ युंगस रोड (North Yungas Road) (Dangerous Roads)
बोलीविया में ला पाज़ शहर और कोरोइको को जोड़ने वाली 60 किमी लम्बी खतरनाक सड़क (dangerous roads) को नार्थ युंगस रोड कहते हैं।
इस सड़क को 1930 में बनाया गया था।
युंगस रोड लगभग 15,260 फीट (4,650 मीटर) तक ऊंची है।
इसके हेयरपिन टर्न हर वाहन के लिए पर्याप्त बड़े नहीं हैं और इसके कारण कई वाहन नीचे गिर जाते हैं।
इस सड़क को खड़ी ढलानों, संकीर्ण ट्रैक, रेलिंग की कमी, बारिश और कोहरे के कारण खतरनाक (dangerous roads) माना जाता है और इसे “डेथ रोड” (Death Road) का नाम दिया गया था।
1994 तक यहां हर साल करीब 300 ड्राइवर मारे जाते थे।
2006 तक, कोरोइको से ला पाज़ तक यात्रा करने के लिए उत्तर युंगस रोड ही एकमात्र विकल्प था।
लगभग 20 साल की अवधि में 2006 में एक नया वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था।
यह सड़क एक लेन से अधिक चौड़ी नहीं थी।
अंत में, 2009 में, सरकार ने एक नई सड़क का निर्माण किया।
इस नए राजमार्ग में दो लेन हैं और इसकी देखरेख अच्छी तरह की जाती है।
आज भी अधिकांश मौतें उन स्थानीय श्रमिकों और बैकपैकरों की होती हैं जो इस पुरानी कुख्यात सड़क (scary road) का उपयोग करते हैं।
यह एक दर्शनीय स्थान है, जब तक की आप सड़क के बाईं ओर रहें और सावधानी से आगे बढ़ें।
फेयरी मीडोज रोड (Fairy Meadows Road) (Dangerous Roads)
पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के डायमर जिले में स्थित एक घास का मैदान है।
जर्मन पर्वतारोहियों ने इसे फेयरी मीडोज का नाम दिया और स्थानीय इसे जूट के नाम से जानते हैं।
इस मैदान पर जाने के लिए 16 किमी लंबाई के एक शानदार और खतरनाक उच्च पर्वतीय ट्रैक (dangerous roads) को फेयरी मीडोज रोड कहते हैं।
बजरी वाली यह सड़क पूरी तरह से कच्ची है। सुरक्षा के लिए कोई रेलिंग नहीं है और अंत में यह इतनी संकरी हो जाती है कि आपको इसे पैदल या बाइक से पार करना पड़ता है।
फेयरी मीडोज जाना एक बहुत बड़ा जोखिम है।
सड़क का सबसे खतरनाक हिस्सा 6 मील का एक संकीर्ण, कच्चा और असमान रास्ता है।
वाहन को चट्टान से गिरने से बचाने के लिए कोई रेलिंग नहीं है।
सैकड़ों साल पहले नंगा पर्वत के ग्रामीणों ने इस कच्ची सड़क को बनाया था।
तबसे इसकी कोई मरम्मत नहीं हुई है।
जो इसे इस सूची में खतरनाक सड़कों में से एक बनाती है।
(world’s most dangerous roads)
यह सड़क सर्दियों में बंद रहती है और केवल गर्मियों में ही यहाँ पहुँचा जा सकता है।
घुमावदार, सकरी और बिना रेलिंग की इस सड़क पर यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव है।
सिचुआन तिब्बत हाईवे (Sichuan Tibet Highway)
पूर्व में सिचुआन के चेंगदू से शुरू होकर पश्चिम में तिब्बत में ल्हासा पर समाप्त होने वाली एक ऊंचाई वाली खतरनाक सड़क (dangerous roads) को सिचुआन तिब्बत हाईवे कहते हैं।
सिचुआन-तिब्बत हाईवे सबसे खतरनाक लेकिन सबसे खूबसूरत सड़क है, जहां आप वास्तविक प्रकृति का अनुभव कर सकते हैं।
यह 2,142 किमी लंबी सड़क ट्रक ड्राइवरों के लिए एक नियमित मार्ग है।
राजमार्ग का निर्माण अप्रैल 1950 में शुरू हुआ और 25 दिसंबर,1954 को इसे खोल दिया गया।
सिचुआन-तिब्बत राजमार्ग (dangerous highways) ड्राइविंग के लिए खराब रास्तों और तीखे हेयरपिन मोड़ों के लिए कुख्यात है।
खराब मौसम में सिंगल ट्रैक वाले भाग पर गाड़ी चलाना कम अनुभवी ड्राइवर के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।
इस हाईवे पर भूस्खलन और चट्टानी हिमस्खलन आम है।
सुरक्षा के लिए सेना चौबीसों घंटे इस दर्रे पर पहरा देती है।
यहाँ ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
अनुभवी ड्राइवर के लिए भी बारिश, बर्फ और अन्य चुनौतियों के साथ इस सड़क पर ड्राइविंग करना एक मुश्किल काम है।
खराब मौसम के कारण यहाँ अक्सर जाम लग जाता है।
असली खतरा जाम में फंसना नहीं बल्कि हफ्तों तक कीचड़ में फंसे ड्राइवरों के बीच होने वाली दुश्मनी, पैसे के लिए लगातार झगड़े, चोरी, उत्पीड़न है।
हाईवे पर क्षतिग्रस्त बिखरे वाहनों का दिखाई देना आम बात है।
काबुल-जलालाबाद रोड (Kabul Jalalabad Road)
राष्ट्रीय राजमार्ग 08 (NH08) जिसे काबुल-जलालाबाद रोड कहते हैं, काबुल और जलालाबाद के बीच एक राजमार्ग है।
यह खतरनाक सड़क (dangerous roads) लगभग 152 किलोमीटर (94 मील) लंबी है और जलालाबाद में 575 मीटर और काबुल में 1790 मीटर की ऊंचाई तक जाती है।
यह सड़क तालिबान के इलाके में 64 किलोमीटर (40 मील) तक काबुल नदी के घाट तक जाती है।
काबुल जलालाबाद रोड को पहली बार पश्चिम जर्मन सरकार ने 1960 में पक्का किया था।
1980 के दशक में, सोवियत आक्रमण के खिलाफ विद्रोह के दौरान यह सड़क पूरी तरह बर्बाद हो गयी थी।
उसके बाद के दशक में तालिबान और अन्य सशस्त्र समूहों द्वारा इस देश को नियंत्रित करने की लड़ाई में यह और बर्बाद हो गयी।
यातायात दुर्घटनाओं के कारण जलालाबाद और काबुल के बीच की इस सड़क को दुनिया की सबसे खतरनाक सडकों (worlds most dangerous roads) में से एक माना जाता है।
काबुल और जलालाबाद के बीच पहाड़ों और चट्टानों की खाई की 40 मील की दूरी ने बहुत से लोगों की जान ली है।
व्यापार, मानवीय सहायता, पुनर्निर्माण के प्रयासों और अफगान शरणार्थियों की वापसी के लिए इस सड़क का बहुत महत्व है।
निर्माण के लिए यूरोपीय आयोग (EC) और डिजाइन के लिए स्वीडिश अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग प्राधिकरण (SIDA) के सहयोग से अब इस सड़क का पुनर्निर्माण हो रहा है।
टैरोको गॉर्ज रोड (Taroko Gorge Road)
पहाड़ को काट कर बनायी गयी टैरोको गॉर्ज रोड दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों (most dangerous roads) में से एक है।
इसे सेंट्रल क्रॉस-आइलैंड हाईवे के नाम से भी जाना जाता है।
50 के दशक तक यह केवल एक पगडंडी थी।
च्यांग काई-शेक ने सेंट्रल रेंज के माध्यम से ताइवान को पश्चिम से पूर्व तक पार करने के लिए एक सड़क बनाने का फैसला किया।
नेशनलिस्ट आर्मी के सैनिकों ने 1956 से 1960 तक सिर्फ 4 वर्षों में सेंट्रल क्रॉस-आइलैंड हाईवे नामक सड़क का निर्माण किया।
ऐसा दावा है कि इसके निर्माण में 450 लोगों की जान चली गई थी।
टाइफून में यह क्षेत्र भूगर्भीय खतरों से ग्रस्त रहता है।
भारी वर्षा में चट्टानों और भूस्खलन की शुरुआत हो जाती है।
वर्षा के कारण पहाड़ का मलबा सड़क पर आ जाता है।
पहाड़ की दीवारें शैल, शिस्ट और टूटे हुए संगमरमर से बनी हैं जो भूकंप या किसी अन्य तीव्र घटना के कारण ढह सकती हैं।
घुमावदार अंधे मोड़, भूस्खलन और संकरी जगह पर अधिक ट्रैफिक के कारण यह सड़क खतरनाक (dangerous roads) है।
यह सड़क पहाड़ के बाहरी ओर उकेरी गयी है जहाँ से सैकड़ों मीटर नीचे लिवू नदी का दृश्य बहुत भयानक लगता है।
यहाँ पर एक बार में केवल एक बस गुजर सकती है।
सड़क काफी संकरी है, इसलिए वहां केवल अनुभवी ड्राइवरों को ही गाड़ी चलाना चाहिए।
भूकंप और आंधी आने पर यह सड़क बंद कर दी जाती है क्योंकि इन परिस्थितियों में सड़क के किनारे गाड़ी चलाना लगभग असंभव है।
किलर-किश्तवाड़ रोड (Killar Kishtwar Road) (Dangerous Roads)
जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले के पूर्वी छोर पर स्थित 114 किमी लम्बी ऊंचे पर्वतों पर स्थित इस खतरनाक सड़क (dangerous roads) को किलर-किश्तवाड़ रोड कहते हैं।
यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 26 का हिस्सा है और चिनाब नदी के किनारे चलती है।
इस सड़क के किनारे से हजारों फीट नीचे देखना एक अजीब अनुभव है, तेज हवाओं वाले दिन ऐसा ना करें।
यह सड़क पहाड़ के किनारे बजरी, पत्थर और रेत से बनी है।
यहाँ एक तरफ चंद्रभागा नदी में 1000 फीट की घाटी है और दूसरी तरफ घातक पहाड़ी चट्टानें।
इसके अलावा नीचे लटकी हुई चट्टानें आने वाले यातायात को देखने में बाधा बनती हैं।
एक लेन के इस रास्ते में कोई रेलिंग नहीं थी और ऊपर की ओर लटकी हुई चट्टान इतनी नीची है कि वाहन को निकलने में परेशानी होती है।
आखिरी 50 किमी की सड़क बेहद डरावनी है।
बारिश के बाद यह रास्ता बहुत कीचड़ और फिसलन भरा हो जाता है जिसे पार करना चुनौतीपूर्ण होता है।
कुछ जगहों पर दो कारों के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती है तो पर्याप्त चौड़ी जगह पर जाने के लिए कुछ किलोमीटर संकरी सड़क पर रिवर्स करना पड़ता है।
यह सड़क उन ड्राइवरों के लिए भयानक है जिन्हें ऊँचाई के कारण चक्कर आने का खतरा होता है।
हिमस्खलन, भारी बर्फबारी और भूस्खलन इसे दुनिया की घातक सडकों (worlds deadliest roads) में से एक बनाता है।
भयानक ऊँची पहाड़ी पगडंडी, संकरी तेज हवादार सड़क, कोई रेलिंग नहीं, ऑक्सीजन की कमी और लगभग 2000 फीट नीचे घाटी का दृश्य।
यह सब देखकर आप यहाँ अपने जोखिम पर ही जायें।
D 915 रोड (D-915 Road) (Dangerous Roads)
उत्तर-पूर्वी तुर्की (Turkey) में उत्तर में ऑफ ट्रैबज़ोन से दक्षिण में बेबर्ट तक जाने के लिए 179 किमी लंबी इस खतरनाक सड़क(dangerous roads) को D915 रोड कहते हैं।
समुद्र तल से 2,035 मीटर (6,677 फीट) ऊंची इस सड़क का निर्माण 1916 में रूसी सैनिकों द्वारा किया गया था।
बिना रेलिंग वाली इस सड़क में 29 खतरनाक हेयरपिन मोड़ हैं।
इस सड़क के शुरू और अंत का हिस्सा पक्का है लेकिन बीच के भाग में केवल बजरी है।
बारिश, बर्फ़बारी और कोहरे के कारण यहाँ यात्रा करना बहुत मुश्किल भरा काम है।
इसे दुनिया की दस सबसे खतरनाक सड़कों (10 most dangerous roads in the world) में से एक माना जाता है।
बर्फ़ीले तूफ़ान और बर्फ़बारी के कारण सड़क के कुछ हिस्से सर्दियों में नियमित रूप से बंद रहते हैं।
अक्सर इस सड़क पर भारी धुंध के कारण कम दृश्यता रहती है।
इस सड़क पर चढ़ाई और उतराई बहुत खतरनाक है और चट्टानों से नीचे उतरती घुमावदार सड़क इतनी संकरी होती है कि आप पहली बार में मुड़ नहीं सकते।
बेबर्ट रोड पर स्थानीय लोग लॉरी से लेकर मोटरबाइक तक चलाते हैं।
इस सड़क पर वाहन चलाना कुशल ड्राइवरों के लिए भी कठिन होता है।
घुमावदार सड़कों पर अधिक भोजन करके वाहन चलाने से उल्टी और मतली आने लगती है।
ऊँचाई से चक्कर (vertigo) आने वाले व्यक्ति इस सड़क से दूर रहें।
गुओलियांग सुरंग रोड (Guoliang Tunnel Road) (Dangerous Roads)
दुनिया की सबसे प्रसिद्ध सुरंगों में से एक गुओलियांग सुरंग रोड है।
चीन में स्थित खतरनाक गुओलियांग सुरंग रोड (dangerous roads) को एक पहाड़ काटकर बनाया गया था।
यह सुरंग गुओलियांग गांव को ताइहांग पहाड़ों के माध्यम से बाहर की दुनिया से जोड़ती है।
1972 में शेन मिंगक्सिन के नेतृत्व में ग्रामीणों के एक समूह ने पहाड़ के किनारे एक सड़क बनाने की योजना बनाई।
उन्होंने उपकरण और सामग्री खरीदने के लिए अपने पशुओं को बेच दिया।
तेरह ग्रामीणों ने इसे बनाना शुरू किया और उनमें से एक की मौत निर्माण के दौरान हो गई।
उन्होंने हथौड़ों और छेनी से पहाड़ को काटना शुरू किया और पांच साल में इसे पूरा किया।
यह सुरंग 1.2 किलोमीटर (0.75 मील) लंबी, 5 मीटर (16 फीट) ऊंची और 4 मीटर (13 फीट) चौड़ी है।
1 मई 1977 को सुरंग को यातायात के लिए खोल दिया गया।
इसके निर्माण ने गाँव को पर्यटकों के आकर्षण केंद्र में बदल दिया।
इस सुरंग का उपयोग फिल्म की शूटिंग के लिए भी किया जाता है।
विभिन्न आकारों की 30 खिड़कियों वाली यह सुरंग बहुत डरावनी है।
इस सुरंग के फिसलन भरे अप्रत्याशित अंधे मोड़ किसी भी चालक को डरा सकते हैं।
रोड 622 स्वाल्वोगुर रोड (Road 622 Svalvogur Road)
आइसलैंड में 22 किमी लंबी रूट 622 स्वाल्वोगुर रोड दुनिया की दस सबसे खतरनाक सड़कों (10 most dangerous roads) में से एक है।
यह उत्तर पश्चिमी आइसलैंड के एक बड़े प्रायद्वीप वेस्टफजॉर्डस में स्थित है।
इस खतरनाक और घातक सड़क (dangerous roads) को 1970 के दशक में एक छोटे बुलडोजर का उपयोग करके बनाया गया था।
ज्वार-भाटा अधिक (high tide) होने पर इसका एक बड़ा भाग समुद्र तल से भी नीचे होता है।
इसलिए इसके दक्षिण भाग में कम ज्वार (low tide) पर जाना चाहिए।
यह रास्ता उबड़-खाबड़, चट्टान के टुकड़ों, बजरी और मिट्टी से भरा है।
अनुभवहीन ड्राइवर आसानी से अपने वाहन पर नियंत्रण खो सकते हैं।
यहाँ अक्सर तेजी से बदलते मौसम के कारण ड्राइविंग में परेशानी होती है।
आंधी तूफान कच्ची सड़कों की स्थिति और भी खराब कर देता है।
भूस्खलन और चट्टानों का गिरना आम है।
इस सड़क का निचला हिस्सा सर्दियों में आने वाले तूफान के कारण बह जाता है।
तेज हवा में इस सड़क पर वाहन चलाना खतरनाक है।
आइसलैंड में मौसम तेजी से करवट बदलता है।
दुनिया की सबसे खतरनाक सडकों (most dangerous roads in the world) में से एक यह सड़क साल में केवल कुछ महीनों के लिए ही खुल पाती है।
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