Serial Killers or Serial Killer (सीरियल किलर) आम तौर पर ऐसे व्यक्ति होते हैं जो मनोवैज्ञानिक कारणों से दो या दो से अधिक अलग-अलग घटनाओं में तीन या अधिक लोगों की हत्या करते हैं। इन हत्याओं के बीच कुछ दिनों से लेकर महीनों या कई वर्षों तक का अंतराल हो सकता है। इस लेख में पीड़ितों की संख्या के हिसाब से 20वीं सदी से लेकर आज तक के सीरियल किलर (famous serial killers) के बारे में बताया गया है। (Serial Killers list by number of victims)
आभार – https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_serial_killers_by_number_of_victims
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10. आंद्रेई रोमानोविच चिकाटिलो (Andrei Romanovich Chikatilo)
सीरियल किलर (serial killer) आंद्रेई रोमानोविच चिकाटिलो का जन्म 16 अक्टूबर 1936 को सोवियत संघ में यूक्रेन के एक गांव याब्लोचनॉय में हुआ था।
उसके जन्म के समय यूक्रेन में अकाल का प्रभाव था जिससे उसका बचपन अभावग्रस्त रहा।
युद्ध के समय उसके पिता की कायरता के कारण वह स्कूल में उपहास का केंद्र बन गया था।
आंद्रेई चिकोटिलो जन्म के समय हाइड्रोसिफ़लस (मस्तिष्क में पानी) से पीड़ित था।
जिसके कारण वह किशोरावस्था तक बिस्तर में पेशाब कर देता था और स्वस्थ यौन सम्बन्ध बनाने में असमर्थ था।
युवावस्था में चिकोटिलो स्कूल टीचर बन गया।
स्कूल में छोटे बच्चों को पीटने की शिकायत के कारण उसे बहुत बार नौकरी से निकला गया।
विकृत हत्यारा आंद्रेई चिकाटिलो (Perverted killer Andrei Chikatilo)
पहली बार 22 दिसंबर 1978 को आंद्रेई चिकोटिलो 9 साल की लीना ज़कोतनोवा को एक सुनसान शेड में ले गया और उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की।
उसने (serial killers) उस संघर्षरत बच्ची को नियंत्रित करने के लिए चाकू से मार दिया।
ऐसा करने से उसे यौन संतुष्टि मिली।
3 सितंबर 1981 को, 17 वर्षीय लरिसा टकाचेंको, उसका अगला शिकार बन गई।
उसने हमले का एक पैटर्न विकसित करना शुरू कर दिया।
वह ट्रेन स्टेशनों और बस स्टॉप पर कम उम्र के लड़के लड़कियों से दोस्ती करता था।
उन्हें सुनसान जगह ले जाकर बलात्कार और चाकू से हत्या करता था।
कई बार वह (insane serial killers) आँख, नाक, कान और यौन अंगों को खा जाता था।
आंद्रेई चिकोटिलो (most famous serial killers) ने 56 पीड़ितों की जान लेने का दावा किया था लेकिन इनमें से केवल 53 की पुष्टि हो पायी।
यह आंकड़ा उन 36 मामलों से कहीं अधिक था, जिनके लिए पुलिस ने शुरुआत में इस सीरियल किलर (serial killers) को जिम्मेदार ठहराया था।
चिकाटिलो (most infamous serial killers) को 20 नवंबर 1990 को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसे 53 हत्या के आरोपों में से 52 पर दोषी पाया गया और प्रत्येक हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई।
14 फरवरी 1994 को सिर के पिछले हिस्से में गोली मारकर उसे मार डाला गया।
9. सैमुअल लिटिल (Samuel Little)
2012 में बदनाम अमेरिकी सीरियल किलर (famous American serial killers) सैमुअल लिटिल को 1987 और 1989 के बीच कैलिफोर्निया में तीन महिलाओं की हत्या और 1994 में टेक्सास में एक महिला की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
उसने 93 महिलाओं को मारने का दावा किया था।
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने कम से कम 60 हत्याओं में इस दावे की पुष्टि की है।
यह अमेरिका के इतिहास में किसी भी सीरियल किलर (famous serial killers USA) के लिए सिद्ध मामलों की सबसे बड़ी संख्या है।
(most prolific serial killers)
सैमुअल लिटिल (famous criminals) का जन्म 7 जून, 1940 को जॉर्जिया के रेनॉल्ड्स में हुआ था।
यह कहा जाता है कि उसकी माँ एक वेश्या थी।
बचपन से ही सैमुअल लिटिल अनुशासनहीन और आपराधिक प्रवृत्ति का था।
लिटिल (serial killers) का अपराध जीवन तब शुरू हुआ जब उसने 1950 के दशक में ओहियो में अपना घर छोड़ दिया।
वह आवारागर्दी और चोरी करने लगा।
अपनी लूट को बेचकर पैसे का उपयोग ड्रग्स और शराब के लिए करता था।
सैमुअल लिटिल का अपराध (Crimes of Samuel Little)
1975 तक उसे 11 राज्यों में चोरी, हमले, बलात्कार के प्रयास, धोखाधड़ी और सरकारी अधिकारियों पर हमले सहित कई अपराधों के लिए 26 बार गिरफ्तार किया गया था।
1982 में, लिटिल (most notorious serial killers in the US) को मिसिसिपि के पास्कागौला में 22 वर्षीय मेलिंडा रोज़ लाप्री की हत्या और फ्लोरिडा में 26 वर्षीय पेट्रीसिया एन माउंट की हत्या की कोशिश के लिए गिरफ्तार किया गया था।
गवाहों की कमी के कारण जनवरी 1984 में लिटिल को बरी कर दिया गया।
अक्टूबर 1984 में उसे 22 वर्षीय लॉरी बैरोस के अपहरण, पिटाई और गला घोंटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जो जिन्दा बच गई थी।
इसके लिए लिटिल (serial killers) ने ढाई साल जेल में बिताए।
फरवरी 1987 में रिहा होने के बाद वह लॉस एंजिल्स चला गया और वहां उसने कम से कम 10 हत्याऐं कीं।
लिटिल को 5 सितंबर, 2012 को एक शेल्टर होम से गिरफ्तार किया गया।
25 सितंबर 2014 को, लिटिल को दोषी पाया गया और पैरोल की संभावना के बिना आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
सैमुअल लिटिल मधुमेह, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित था।
30 दिसंबर, 2020 को लॉस एंजिल्स काउंटी अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
8. यांग शिन्हाई (Yang Xinhai) (Serial Killers)
चीन के इतिहास में यांग शिन्हाई सबसे बदनाम सीरियल किलर (worst serial killers) में से एक था।
उसने 1999 से 2003 के बीच चीन में 65 लोगों की हत्या करना कबूल किया।
यांग को 23 बलात्कारों का भी दोषी ठहराया गया था। (worst serial killers)
यांग का जन्म 29 जुलाई 1968 को हेनान के झेंगयांग काउंटी में हुआ था।
वह एक बहुत गरीब परिवार से था।
उसने 1985 में 17 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया और घर लौटने की बजाय घूम घूम कर मजदूरी करने लगा।
उसे 1996 में मध्य चीन के हेनान प्रांत में बलात्कार के प्रयास के लिए पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 1999 में वो रिहा हो गया।
यांग के अनुसार उसकी प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया था और वह समाज पर अपना गुस्सा निकालना चाहता था।
उसकी प्रेमिका ने उसे बलात्कार और चोरी के लिए मिली जेल की सजा के बारे में पता चलने के बाद छोड़ दिया था।
सिरफिरा कातिल यांग शिन्हाई (Crimes of Yang Xinhai)
यांग किसी भी फार्महाउस में जाता था और जो भी मिले उसे मार देता था।
उसने इन हत्याओं के लिए मांस काटने वाले और लोहे के हथौड़े जैसे औजारों का इस्तेमाल किया।
पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्या करते समय यांग हमेशा नए कपड़े और दो नाप बड़े जूते पहनता था।
दूसरे प्रान्त जाने के लिए हमेशा साइकिल का उपयोग करता था।
3 नवंबर, 2003 को, 35 वर्षीय यांग शिन्हाई को दो साल की अवधि में कम से कम 67 लोगों की हत्या के आरोप में चीन के हेबेई प्रांत में पुलिस ने गिरफ्तार किया।
1 फरवरी, 2004 को 67 पीड़ितों की हत्या और 25 महिलाओं के बलात्कार के लिए एक घंटे से भी कम समय तक चले मुकदमे के बाद उसे दोषी पाया गया।
उसे अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई।
बाद में यह पता चला कि यांग को एड्स भी हो गया था।
यांग शिन्हाई को 14 फरवरी 2004 को हेहान में मार दिया गया।
7. कनपटीमार शंकरिया (Kanpatimar Shankariya)
शंकरिया का जन्म 1952 में जयपुर, राजस्थान में हुआ था।
1979 में कनपटीमार शंकरिया को दो वर्षों में कम से कम सत्तर लोगों की हथौड़े से हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया था। (infamous serial killers)
सीरियल किलर का अपराध (Crime of Serial Killers)
उसने कबूल किया था कि उसने 1973-1974 में कम से कम 70 लोगों को अपनी खुशी के लिए मार डाला था।
गिरफ्तार होने के बाद उसने बताया कि उसे लोगों को हथौड़े से मारने में मजा आता है।
रात के अंधेरे में शंकरिया कम्बल ओढ़ कर बैठा रहता था।
देर रात जा रहे लोगों पर अचानक हथोड़े से हमला कर मार देता था।
वह अपने पीड़ितों को कान के नीचे गर्दन पर हथौड़े से मारता था।
इसीलिए उसका नाम कनपटीमार शंकरिया पड़ा।
उसे 1979 की शुरुआत में दोषी ठहराया गया और 16 मई 1979 को जयपुर में फांसी दे दी गई।
मरने से पहले उसने पश्चाताप किया।
फांसी से पहले उसके अंतिम शब्द थे: “मैंने व्यर्थ हत्या की। किसी को भी मेरे जैसा नहीं बनना चाहिए।”
6. पेड्रो रॉड्रिक्स फिल्हो (Pedro Rodrigues Filho)
ब्राज़ील का रहने वाला पेड्रो रॉड्रिक्स फिल्हो उर्फ ”किलर पेटी” एक सीरियल किलर है। (notorious serial killers)
फिल्हो का जन्म 17 जून, 1954 को ब्राजील के सांता रीटा डो सपुकाई में हुआ था।
उसका पिता उसकी गर्भवती मां को पीटता था, इसीलिए वह चोटिल खोपड़ी के साथ पैदा हुआ था।
बचपन में फिल्हो (popular serial killers) के पिता ने उसका शारीरिक शोषण भी किया था।
फिल्हो जब चौदह साल का था तो चोरी के आरोप में उसके पिता की नौकरी चली गई।
बदला लेने के लिए फिल्हो ने अल्फेनास के मेयर और एक गार्ड को गोली मार दी।
(famous serial killers)
पेड्रो फिल्हो का अपराध (Crime of Serial Killers Pedro Filho)
वह साओ पाउलो में छुप गया और लूटमार हत्या (murderers) करने लगा।
साओ पाउलो में एक महिला मारिया अपरेसिडा ओलंपिया उसकी मंगेतर बनी जिसे दूसरे गिरोह के सदस्यों ने बेरहमी से मार दिया।
बदला लेने के लिए फिल्हो ने नरसंहार किया जिसमें सात लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी और सोलह अन्य घायल हो गए।
फिल्हो को पता चला कि उसका पिता उसकी मां की कुल्हाड़ी से हत्या करने के आरोप में जेल में हैं।
फिल्हो जेल में अपने पिता से मिलने गया और 22 बार चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद, उसने अपने पिता के दिल को काटा और उसका एक टुकड़ा चबा गया।
फिल्हो ने लोगों को मारना जारी रखा और आखिरकार 24 मई 1973 को गिरफ्तार कर लिया गया।
ऐसा दावा किया जाता है कि अपनी कैद के दौरान उसने 47 कैदियों की हत्या की।
उसका एक शिकार, साथी कैदी केवल इसलिए मारा गया क्योंकि वह बहुत अधिक खर्राटे लेता था।
उसके अनुसार दूसरे अपराधी को मारने का रोमांच अद्भुत और संतोषजनक होता है।
उसे इन आरोपों के लिए 128 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
ब्राजील में अधिकतम जेल की सजा 30 साल होती है इसीलिए फिल्हो 2018 में जेल से रिहा हो गया।
तब से उसने अपने अनुभवों के बारे में बात करने के लिए एक YouTube चैनल शुरू किया है।
5. डेनियल कैमार्गो बारबोसा (Daniel Camargo Barbosa)
कोलंबिया का रहने वाला डेनियल कैमार्गो बारबोसा एक दुर्दांत (serial killer) सीरियल किलर था।
ऐसा माना जाता है कि उसने 1970 और 1980 के दशक के दौरान कोलंबिया और इक्वाडोर में लगभग 150 युवा लड़कियों के साथ बलात्कार किया और उनकी हत्या की। (most famous serial killers)
डेनियल की मां की मृत्यु उसकी एक साल की आयु में ही हो गयी थी।
उनके पिता ने दूसरी की और उसकी नई सौतेली माँ ने डेनियल को विभिन्न तरीकों से अपमानित किया।
वह उसे लड़की के कपडे पहनकर स्कूल जाने के लिए मजबूर करती थी, जहां उसका मजाक उड़ाया जाता था।
इस अपमान के बावजूद, डेनियल पढ़ने में अच्छा था और उसका IQ 116 था।
बाद में उसे अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा।
पहली बार उसे 24 मई 1958 को चोरी के आरोप में बोगोटा में गिरफ्तार किया गया था।
डेनियल कैमार्गो बारबोसा का अलसीरा नाम की एक महिला के साथ संबंध था और उसके साथ उसके दो बच्चे थे।
उसे एक अन्य महिला, एस्पेरांज़ा (उम्र 28) से प्यार हो गया, जिससे उसने शादी करने की योजना बनाई, लेकिन फिर पता चला कि वह कुंवारी नहीं थी।
डेनियल बारबोसा का अपराध (Crime of Daniel Barbosa)
उसने और एस्पेरांज़ा ने एक समझौता किया कि अगर वह अन्य कुंवारी लड़कियों के साथ यौन संबंध बनाने में उसकी सहायता करती है तो वह उसके साथ रहेगा।
वह युवा लड़कियों को झूठे बहाने से अपार्टमेंट में बुलाकर उन्हें सोडियम सेकोनल नींद की गोलियां खिलाता थी ताकि डेनियल उनका बलात्कार कर सके।
(most infamous serial killers)
डेनियल ने इस तरह से पांच रेप किए, लेकिन एक भी लड़की को नहीं मारा।
लेकिन पांचवी बच्ची ने पुलिस को इस अपराध की सूचना दी और डेनियल और एस्पेरांज़ा दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
10 अप्रैल 1964 को कोलंबिया में डेनियल को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया।
न्यायाधीश ने डेनियल को तीन साल जेल की सजा सुनाई और अपील करने पर उसे बढ़ा कर आठ साल कर दिया गया।
इससे डेनियल को गुस्सा आ गया और वह पूरी सजा काट कर रिहा हो गया।
कोलंबिया में उसने टेलीविज़न मॉनिटर बेचने वाले एक स्ट्रीट वेंडर के रूप में नौकरी की।
एक दिन एक स्कूल के पास से गुजरते हुए उसने एक 9 वर्षीय लड़की का अपहरण कर किया और उसके साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी ताकि वह पुलिस को सूचित न कर सके।
यह उसकी पहली हत्या थी।
डेनियल को 3 मई 1974 को कोलंबिया के बैरेंक्विला में गिरफ्तार किया गया था।
यह माना जाता है कि उसने कोलंबिया में 80 से अधिक लड़कियों का बलात्कार और हत्या की।
लेकिन उसे 9 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और हत्या करने के दोषी होने के कारण कोलंबिया में कैद कर लिया गया था।
उसे शुरू में 30 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस सजा को घटाकर 25 साल कर दिया गया और 24 दिसंबर 1977 को कोलंबिया के गोर्गोना द्वीप की जेल में नजरबंद कर दिया गया।
नवंबर 1984 में डेनियल गोर्गोना जेल से भाग गया।
18 दिसंबर को उसने इक्वाडोर के लॉस रियोस प्रांत के क्यूवेडो शहर से एक 9 वर्षीय लड़की का अपहरण किया और अगले दिन 10 साल की बच्ची को भी उठा लिया।
1984 से 1986 के बीच डेनियल ने ग्वायाकिल में कम से कम 54 बलात्कार और हत्याओं को अंजाम दिया।
डेनियल सड़कों पर सोता था और गलियों में बॉलपॉइंट पेन को बेचकर पैसा कमाता था।
वह काम की तलाश में असहाय, युवा, निम्न-वर्ग की लड़कियों को चुनता था।
उसे दो पुलिसकर्मियों ने 25 फरवरी 1986 को गिरफ्तार किया जब उसने कुछ ही मिनट पहले एलिजाबेथ नाम की एक 9 वर्षीय लड़की की हत्या कर दी थी।
डेनियल ने कोलंबियाई जेल से भागने के बाद इक्वाडोर में 72 लड़कियों की हत्या करने की बात कबूल कर ली थी।
उसके अनुसार, उसने उन्हें इसलिए मारा क्योंकि वह महिलाओं की बेवफाई से बदला लेना चाहता था।
वह उनसे नफरत करता था।
डेनियल को 1989 में दोषी ठहराया गया था और 16 साल जेल की सजा सुनाई गई, जो उस समय इक्वाडोर में उपलब्ध अधिकतम सजा थी।
13 नवंबर 1994 को, डेनियल को पीड़ितों में से एक के भतीजे ने जेल में चाकू मार दिया।
मृत्यु के समय उनकी आयु 64 वर्ष थी।
4. मिखाइल विक्टरोविच पोपकोव (Mikhail Viktorovich Popkov)
“द वेयरवोल्फ” और “अंगार्स्क का पागल” के नाम से कुख्यात मिखाइल पोपकोव एक रूसी सीरियल किलर (famous serial killers) और बलात्कारी है, जिसने 1992 से 2010 के बीच 78 महिलाओं का यौन उत्पीड़न और हत्या की थी।
मिखाइल की परवरिश और निजी जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है।
उसका जन्म 7 मार्च 1964 को नोरिल्स्क, क्रास्नोयार्स्क क्राय में हुआ था और कम उम्र में ही वह अपने माता-पिता के साथ अंगार्स्क चला गया।
उनका विवाह ऐलेना पोपकोव से हुआ था और उसकी एकातेरिना नाम की एक बेटी थी।
पोपकोव ने एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया था और गिरफ़्तारी के समय वह अंगार्स्क ऑयल एंड केमिकल कंपनी में सुरक्षा गार्ड था।
उसकी पत्नी भी पुलिस में थी और उसने कई बार पोपकोव के निर्दोष होने की गवाही दी थी।
यह अनुमान लगाया गया है कि पोपकोव उन महिलाओं को लक्षित करता था, जो उसकी शराबी माँ से मिलती-जुलती थीं, जिसने बचपन में उसके साथ दुर्व्यवहार किया था।
मिखाइल पोपकोव के अपराध (Crimes of Mikhail Popkov)
उसका शिकार बार या पार्टियों से बाहर निकलने वाली नशे में धुत्त महिलाऐं होती थीं।
वह अपनी पुलिस की कार और वर्दी से उनका विश्वास हासिल कर उन्हें जंगल में ले जाता था।
जहां वह पीड़ितों को मारने और उनके खून से लथपथ शरीर के साथ यौन संबंध बनाने से पहले नग्न होने के लिए मजबूर करता था।
वह चाकू, कुल्हाड़ी, बेसबॉल के बल्ले और स्क्रूड्रिवर से महिलाओं को मार कर शवों को विकृत कर देता था।
(most notorious serial killers)
पीड़ितों में से एक का उसने सिर काट दिया गया था और दूसरे का ह्रदय फाड़ दिया था।
पीड़िता के मरने के बाद भी वह (serial killers) उससे रेप करता था।
पोपकोव के पीड़ितों में से एक उसके हमले से बच गयी और बाद में उसने उसकी तस्वीर पहचान ली।
जीवित पीड़ितों से पूछताछ और गवाही के बावजूद भी पोपकोव दो दशकों तक पुलिस से बचता रहा।
2012 में 3,500 वर्तमान और पूर्व पुलिसकर्मियों के DNA परीक्षण से पोपकोव पकड़ा गया।
जनवरी 2015 में, उसे 22 हत्याओं और दो हत्या के प्रयास के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दो साल बाद, पोपकोव ने 59 और हत्याओं को कबूल किया।
10 दिसंबर, 2018 को, साइबेरिया की क्षेत्रीय अदालत में मुकदमे के बाद, उसे 56 और हत्याओं का दोषी ठहराया गया था।
इसके लिए उसे दूसरी आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।
जुलाई 2020 में, पोपकोव ने और अधिक हत्याओं को स्वीकार किया, जिससे पीड़ितों की कुल संख्या 83 हो गई।
3. जावेद इकबाल (Javed Iqbal) (Serial Killers)
पाकिस्तानी सीरियल किलर (serial killers) जावेद इकबाल 6 से 16 साल की उम्र के 100 लड़कों के यौन शोषण और हत्या का दोषी पाया गया था।
धनी व्यापारी मोहम्मद अली मुगल की छठी संतान जावेद इकबाल (serial killers) ने इस्लामिया हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की।
1978 में उसने अपना खुद का स्टील रीकास्टिंग का व्यवसाय शुरू किया।
इकबाल ने दिसंबर 1999 में पुलिस और लाहौर के एक समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र भेजा, जिसमें उसने 6 से 16 वर्ष की आयु के 100 लड़कों के बलात्कार और हत्या की बात कबूल की।
पत्र में उसने बताया कि वह (serial killers) लाहौर की सड़कों पर रहने वाले भगोड़े और अनाथ लड़कों को गला घोंट कर मार देता था।
फिर उनके शरीर के टुकड़े करने के बाद हाइड्रोक्लोरिक एसिड से गला देता था और अवशेषों को नदी में फेंक देता था।
उसके घर में, पुलिस और पत्रकारों को दीवारों और फर्श पर खून के धब्बे मिले।
प्लास्टिक की थैलियों में कई पीड़ितों की तस्वीरें थीं।
इन पर बड़े करीने से हाथ से लिखे हुए लेबल लगे थे।
आंशिक रूप से गले हुए मानव अवशेषों के साथ एसिड के दो टब भी खुले में छोड़ दिए गए थे ताकि पुलिस अधिकारी उन्हें आसानी से ढूंढ सकें।
इकबाल ने अपने पत्र में बताया था कि अपने अपराधों के बाद वह रावी नदी में डूबने जा रहा है।
लेकिन पुलिस को उसकी लाश नहीं मिली।
पुलिस ने इकबाल के फ्लैट में उसके साथ रहने वाले चार किशोर लड़कों को गिरफ्तार किया।
कुछ ही दिनों में उनमें से एक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
जावेद इकबाल ने 30 दिसंबर, 1999 को उर्दू भाषा के अखबार डेली जंग के कार्यालय में खुद को पेश किया।
वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
जावेद इक़बाल के घृणित अपराध (Heinous crimes of Javed Iqbal)
पुलिस ने 1990 के दशक में एक युवा लड़के के यौन शोषण के आरोप में जावेद इकबाल (serial killers) को गिरफ्तार किया था।
इससे उसकी माँ को घातक दिल का दौरा पड़ा था।
इस कारण उसने बदला लेने के लिए 100 माओं को रुलाने का संकल्प लिया।
यद्यपि उनकी डायरी में हत्याओं का विस्तृत विवरण था और उसके घर में हत्या के सबूत मिले।
फिर भी इकबाल ने अदालत में दावा किया कि वह निर्दोष है और ऐसा उसने भगोड़े बच्चों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा था।
इकबाल के खिलाफ सौ से अधिक गवाहों ने गवाही दी और उसे और उसके साथियों को दोषी पाया गया।
(famous murderers and serial killers)
न्यायाधीश ने इकबाल को सार्वजनिक चौक में फांसी देकर मारने की सजा सुनाई।
शरिया कानूनी अवधारणा के तहत फांसी के बाद उसके शरीर को 100 टुकड़ों में काटकर तेज़ाब में गला देना था।
जावेद इकबाल (42 वर्ष) को सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा सुनाई गई थी।
साजिद अहमद (17 वर्ष) को भी हत्याओं में शामिल होने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।
ममद नदीम (15 वर्ष) को 13 पीड़ितों की हत्याओं का दोषी पाया गया और 182 साल की जेल (प्रत्येक हत्या के लिए 14 साल) की सजा सुनाई गई।
ममद साबिर (13 साल) को 63 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
8 अक्टूबर 2001 की सुबह इकबाल और उसका साथी साजिद अहमद जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए।
उन्होंने जाहिर तौर पर बेडशीट से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, हालांकि ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनकी हत्या की गई थी।
पोस्टमार्टम से पता चला कि उन्हें मौत से पहले पीटा गया था।
2. पेड्रो अलोंसो लोपेज़ (Pedro Alonso Lopez) (Serial Killers)
कोलंबियाई सीरियल किलर (most prolific serial killer) पेड्रो अलोंसो लोपेज़ को 110 लड़कियों की हत्या के लिए सजा सुनाई गई थी।
उसने (serial killers) कोलंबिया, पेरू और इक्वाडोर में 300 से अधिक लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या करने का दावा किया था।
पेड्रो 13 भाई-बहनों में सातवां था और उसकी माँ के अनुसार एक शिक्षक बनना चाहता था।
1957 में उसकी माँ ने उसे गन्दी हरकतों के कारण घर से निकाल दिया और वह कोलंबिया की राजधानी बोगोटा भाग गया था।
लोपेज़ के अनुसार बचपन में वेश्यावृत्ति देखने से उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ा।
बोगोटा में एक व्यक्ति ने अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया।
12 साल की उम्र में एक अमेरिकी प्रवासी परिवार ने पेड्रो का दाखिला अनाथों के स्कूल में दाखिल करा दिया।
दो साल बाद वह वहां से भाग गया क्योंकि एक पुरुष शिक्षक ने उसके साथ छेड़खानी की थी। अन्य सूत्रों का दावा है कि वह एक शिक्षक के साथ ही भाग गया था।
18 साल की उम्र में लोपेज़ कारों की चोरी कर उन्हें स्थानीय कबाड़ की दुकानों में बेचने लगा।
लोपेज़ ने बताया कि कार चोरी के लिए जेल में रहने के दौरान उसके साथ क्रूरतापूर्वक सामूहिक बलात्कार किया गया था।
बाद में उसने बलात्कारियों को मार डाला।
जेल से छूटने के बाद वह पेरू चला गया और लड़कियों की हत्या करने लगा।
(serial killers)
पेड्रो लोपेज़ के अपराध (Crimes of Pedro Lopez)
लोपेज़ ने दावा किया कि 1978 में एक स्वदेशी जनजाति के सदस्यों द्वारा पकड़े जाने तक वह 100 से अधिक लड़कियों को मार चुका था।
ये लोग उसे उसे फांसी दे रहे थे कि एक ईसाई मिशनरी के हस्तक्षेप करने पर उसे राज्य पुलिस को सौंप दिया गया।
हालांकि बाद में उसे पुलिस ने आनन-फानन में उसे छोड़ दिया था।
लोपेज़ ने बताया कि वो बाद में इक्वाडोर चला गया और इस अवधि के दौरान उसने एक सप्ताह में लगभग तीन लड़कियों की हत्या की थी।
उसे मार्च 1980 में गिरफ्तार किया गया और उसने 103 लड़कियों की हत्या करना कबूल किया।
पुलिस ने केवल उसके कबूलनामे पर तब विश्वास जब वह पुलिस को इक्वाडोर में 53 कब्रों तक ले गया।
लोपेज़ को 1980 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 1998 के अंत में उसे जमानत पर कुछ शर्तों के साथ रिहा कर गया।
बाद में वह फरार हो गया और फिलहाल पुलिस को उसकी तलाश है।
1. लुइस अल्फ्रेडो गारवितो (Luis Alfredo Garavito) (Serial Killers)
ला बेस्टिया (“द बीस्ट”) या ट्रिबिलिन (डिज्नी के चरित्र “गूफी” के नाम पर) के नाम से कुख्यात लुइस अल्फ्रेडो गारवितो क्यूबिलोस एक कोलंबियाई बलात्कारी और सीरियल किलर (serial killer) है।
पीड़ितों की अधिक संख्या के कारण उसे “दुनिया का सबसे गन्दा सीरियल किलर” (worst serial killers) कहा जाता है।
1999 में, उसने 138 लड़कों और किशोरों के साथ बलात्कार, यातना और हत्या (worst murders in history) की बात स्वीकार की।
जेल में बनाये गए मानचित्रों पर सूचीबद्ध कंकालों के स्थानों के आधार पर यह संख्या 300 से अधिक हो सकती है।
गारवितो (most dangerous criminal in the world) की मां एक वेश्या थी।
उसका पिता शराबी था और उसकी माँ और भाई-बहनों को बेरहमी से प्रताड़ित करता था।
गारवितो का पिता उसे मां के अपने ग्राहकों के साथ यौन संबंध देखने के लिए मजबूर करता था।
गारवितो की माँ गारवितो (serial killers) के शराबी पिता के दुर्व्यवहार और यातना के कारण कुछ नहीं कहती थी।
आठ साल की उम्र में गारवितो अंततः घर से भाग गया और कोलंबियाई सड़कों पर यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ।
फिर गारवितो (most brutal serial killers) एक गिरोह में शामिल होकर कोलंबियाई नागरिकों को भोजन, पैसे और कारों के लिए लूटने लगा।
गारवितो (serial killers) 6 से 16 साल के बीच के बेघर या अनाथ लड़कों को निशाना बनता था।
वह अलग अलग भेष में इन लड़कों को पैसे, कैंडी या नौकरी का लालच देकर फुसलाता था।
फिर सुनसान जगह ले जाकर उनके हाथ बाँधता, यातना देता, बलात्कार करता, और कभी-कभी उनका सिर भी काट देता था।
सभी बच्चों के शरीर नग्न पाए गए, उनके शरीर पर काटने के निशान और बलात्कार के संकेत थे।
शवों के पास से लुब्रिकेंट की बोतलें और खाली शराब की बोतलें मिली थीं।
अधिकांश लाशों में लंबे समय तक यातना के लक्षण दिखाई दिए।
लुइस अल्फ्रेडो गारवितो द्वारा की गयी जघन्य हत्याऐं (Gruesome murders by Luis Garavito)
1992 की शुरुआत से 6 से 16 वर्ष की आयु के लड़के कोलंबिया की सड़कों से तेजी से गायब होने लगे।
दशकों से चले आ रहे गृहयुद्ध के कारण, इन हत्याओं पर किसी का ध्यान नहीं गया था।
सामूहिक कब्रों का खुलासा होने पर अधिकारियों ने 1997 में इस पर ध्यान दिया।
इतनी बड़ी संख्या में लापता बच्चों के कारण जाँच शुरू हुई।
फरवरी 1998 में, कोलंबिया के जेनोवा शहर के बाहर तीन नग्न बच्चों के शव एक पहाड़ी पर मिले।
तीनों शवों के हाथ बंधे हुए थे और यौन शोषण के निशान थे।
पीड़ितों की गर्दन बुरी तरह से कट गई थी और उनकी पीठ, जननांगों, पैरों और नितंबों पर चोट के निशान थे।
अपराध स्थल पर एक नोट पाया गया जिस पर गारवितो की प्रेमिका का पता लिखा हुआ था।
जहाँ से कुछ सुबूत मिले और पुलिस ने 22 अप्रैल 1999 को कोलंबिया के सबसे वांछित हत्यारे (serial killers) को गिरफ्तार कर लिया।
जांच में अपराध स्थलों पर गारवितो का DNA मिला।
गारवितो ने 140 बच्चों की हत्या करना कबूल किया और उस पर पूरे कोलंबिया में 172 बच्चों की हत्या का आरोप लगाया गया।
उसे 172 में से 138 मामलों में दोषी पाया गया।
उसे 1,853 साल और 9 दिन की जेल की सजा सुनाई गई थी, जो कोलंबियाई इतिहास में सबसे लंबी सजा थी।
कोलम्बियाई कानून में अधिकतम कारावास 40 साल तक सीमित है – और क्योंकि गारवितो ने पीड़ितों के शवों को खोजने में पुलिस की मदद की, उनकी सजा को और कम करके 22 साल कर दिया गया।
गारवितो वर्तमान में कोलंबिया के एल सीजर विभाग के वेलेडुपर में एक जेल में अपनी सजा काट रहा है।
उसे 2023 में पैरोल मिल सकती थी लेकिन कानून ने ऐसे अपराधों के लिए अधिकतम सजा को बढ़ाकर 60 साल कर दिया है।