Oldest Spoken Languages (सबसे पुरानी बोली जाने वाली भाषाऐं)। एक समय था जब मनुष्य इशारों और मौखिक ध्वनियों के माध्यम से संवाद करता था। भाषा मनुष्यों के बीच संचार का माध्यम मानी जाती है। आज दुनिया में लगभग 7,097 भाषाऐं (total languages in world) बोली जाती हैं। इन भाषाओं का लंबा इतिहास है। ये समय और परिस्थितियों के साथ बदलती चली गयीं हैं। इस दुनिया में ऐसी भाषाएँ भी थीं जो समय के साथ विलुप्त हो चुकी हैं। साथ ही, ऐसी भाषाऐं (oldest spoken languages) भी हैं जो अभी भी बोली जाती हैं और जिनको मनुष्यों ने जीवित रखा हुआ है।
पहली भाषा की उत्पत्ति पर अनेक मतभेद हैं (which is the first language in the world) (which is the oldest language in the world) और इस पर बहस होती रही है। भाषाविदों ने हजारों भाषाओं का अध्ययन किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी भाषा की उम्र की गणना ग्रंथों में उसकी पहली उपस्थिति और उसके समकालीन उपयोग से की जानी चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए, इस लेख में हम आपको दुनिया की दस सबसे पुरानी भाषाओं (oldest spoken languages) के बारे में बताएँगे जो अभी भी उपयोग में हैं।
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10. इटालियन भाषा (Italian Language)
आज विश्व में 67 मिलियन से अधिक लोग इटालियन भाषा का उपयोग करते हैं।
यह इटली, सैन मैरिनो और (लैटिन के साथ) वेटिकन सिटी की आधिकारिक भाषा है।
इटालियन भाषा का जन्म लैटिन से हुआ था।
मध्य युग के दौरान, यूरोप में स्थापित लिखित भाषा लैटिन ही थी।
लेकिन अधिकांश लोग निरक्षर थे, और केवल कुछ मुट्ठी भर लोग ही भाषा को लिख-पढ़ पाते थे।
इसीलिए इतालवी प्रायद्वीप में, अधिकांश लोग लैटिन की बजाय स्थानीय भाषा बोलते थे।
सदियों से उपयोग में ली जा रही यह बोलियां अपभ्रंश लैटिन से ही विकसित हुईं।
रोमन गणराज्य में प्रारंभिक लैटिन का उपयोग निश्चित रूप से 75 ईसा पूर्व तक किया गया था।
कुछ विवेचना के बाद, इटालियन भाषा (oldest spoken languages) ने लैटिन के आधुनिक वंशज के रूप में अपना रास्ता बना लिया।
इटालियन भाषा भी विश्व की प्राचीन और अब तक बोले जाने वाली भाषाओं (oldest languages in the world) में अपना स्थान बनाती है।
यह मध्य युग में रोमन साम्राज्य में अपभ्रंश लैटिन से उपजी।
एक महत्वपूर्ण घटना जिसने इटालियन भाषा (oldest languages) के प्रसार में मदद की, वह थी 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में इतालवी-कोर्सीकन वंश के नेपोलियन द्वारा इटली पर विजय और कब्जा।
इस विजय ने कुछ दशकों बाद इटली के एकीकरण को बढ़ाया और इटालियन भाषा को सभी वर्गों में लोकप्रिय बनाया।
19वीं और 20वीं शताब्दी के दौरान स्थानीय इतालवी बोलियों में गिरावट आई है, क्योंकि आधुनिक इटालियन भाषा को समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविजन और मास मीडिया द्वारा प्रसार मिला है।
लगभग सभी मूल इतालवी शब्द स्वरों के साथ समाप्त होते हैं, इससे इतालवी शब्दों को तुकबंदी में उपयोग करने में आसानी होती है।
इटालियन भाषा सीखने के लिए देखें – https://italianculture.in/
9. कोरियाई भाषा (Korean Language)
पूर्वी एशिया में 80 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाने वाली सबसे पुरानी भाषाओं में से एक (oldest languages in the world) भाषा है कोरियाई।
उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों देशों की राष्ट्रीय भाषा कोरियाई है।
इसके साथ ही इस भाषा को सखालिन, रूस और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में भी बोला जाता है।
हालांकि यह एक अलग भाषा के रूप में वर्गीकृत है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कई सिद्धांत प्रचलित हैं।
इनमें से सबसे प्रमुख कड़ी कोरियाई को मध्य एशिया की अल्ताईक भाषाओं से जोड़ती है, जिसमें तुर्की, मंगोलियाई और साइबेरिया की तुंगुसिक भाषाएं शामिल हैं।
कई लोग इसे यूरालिक भाषाओं (हंगेरियन और फिनिश) और जापानी से जोड़ते हैं।
हालांकि यह निश्चित रूप से सिद्ध नहीं है, लेकिन अधिकांश कोरियाई और पश्चिमी भाषाविद इसे स्वीकार करते हैं।
एक सिद्धांत कोरियाई को दक्षिणी भारत की द्रविड़ भाषाओं या ऑस्ट्रोनेशियन भाषाओं से भी जोड़ता है।
कोरियाई का जापानी और चीनी भाषाओं के साथ संपर्क का लंबा इतिहास है।
आश्चर्य नहीं कि कोरियाई इनमें से प्रत्येक भाषा के साथ कुछ भाषाई विशेषताऐं साझा करती है।
पहली शताब्दी ईसा पूर्व में प्रोटो-थ्री किंगडम्स युग के दौरान बौद्ध धर्म के साथ चीनी अक्षर भी कोरिया पहुंचे।
इन्हें कोरियाई के लिए अनुकूलित किया गया और इसे हंजा लेखन प्रणाली के रूप में जाना जाने लगा।
एक सहस्राब्दी से अधिक समय तक यह कोरियाई लिखने के लिए मुख्य लिपि के रूप में बने रहे।
आज भी हंजा (oldest language) का उपयोग दक्षिण कोरिया में किया जाता है।
15वीं शताब्दी में, किंग सेजोंग ने व्यक्तिगत रूप से एक लेखन प्रणाली विकसित की जिसे आज हंगुल के नाम से जाना जाता है।
आधुनिक कोरियाई को हंगुल (oldest spoken languages) में लिखा जाता है।
आधुनिक हंगुल 24 मूल अक्षरों और 27 जटिल अक्षरों का उपयोग करता है।
कोरियाई भाषा के बारे में अधिक जानने के लिए – https://www.korean.go.kr/front_eng/main.do
8. तमिल भाषा (Tamil Language)
द्रविड़ भाषा परिवार की सदस्य तमिल भाषा, मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है।
तमिल बोली जाने वाली सबसे पुरानी भाषाओं (oldest languages in the world) में से एक है।
भारतीय राज्य तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी (पांडिचेरी) की आधिकारिक भाषा भी है।
यह श्रीलंका और सिंगापुर में भी एक आधिकारिक भाषा है और मलेशिया, मॉरीशस, फिजी और दक्षिण अफ्रीका में भी काफी संख्या में लोग इसे बोलते हैं।
आज 66 मिलियन से अधिक लोग तमिल भाषी हैं।
प्रारंभिक तमिल लेखन 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व के शिलालेखों और बर्तनों से प्रमाणित होता है।
तमिल (oldest Indian language) लेखन प्रणाली ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई।
समय के साथ अक्षरों का आकार बदलता चला गया, अंततः 16 वीं शताब्दी में छपाई शुरू होने पर स्थिर हो गया।
भारत की दो शुरुआती पांडुलिपियां तमिल में लिखी गई थीं, जिन्हें 1997 और 2005 में यूनेस्को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर द्वारा स्वीकृत और पंजीकृत किया गया था।
1578 में, पुर्तगाली ईसाई मिशनरियों ने थम्बीरन वनाक्कम नामक पुरानी तमिल लिपि (oldest languages) में एक प्रार्थना पुस्तक प्रकाशित की, इस प्रकार तमिल पहली भारतीय भाषा (oldest spoken languages) बन गई जो मुद्रित और प्रकाशित हुई।
वर्तमान तमिल लिपि में 12 स्वर, 18 व्यंजन और एक विशेष वर्ण “आयतम” हैं।
सामान्य अंकों के अलावा, तमिल में 10, 100 और 1000 के अंक भी होते हैं।
दिन, महीने, वर्ष, डेबिट, क्रेडिट, रुपये और अंक के प्रतीक भी मौजूद हैं।
तमिल भाषा कई ऐतिहासिक भिन्नात्मक संकेतों का भी उपयोग करती है।
आधुनिक तमिल (oldest spoken languages) में भाषाई शुद्धतावाद की एक मजबूत भावना पाई जाती है, जो विदेशी शब्दों के उपयोग का विरोध करती है।
7. फ़ारसी भाषा (Persian or Farsi Language)
पर्शियन या फ़ारसी भाषा, इंडो-ईरानी भाषा परिवार की ईरानी शाखा की सदस्य है।
यह ईरान की आधिकारिक भाषा है, और फारसी के दो प्रकार जिन्हें दारी और ताजिक कहते हैं, क्रमशः अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान में आधिकारिक भाषाऐं हैं।
प्राचीन फारसी भाषा (oldest spoken languages) के अस्तित्व में होने के प्रमाण 525-300 ईसा पूर्व के मिलते हैं।
जो इसे सबसे पुरानी भाषाओं (oldest languages in the world) में से एक बनाते हैं।
सामान्य तौर पर, फारसी भाषा को तीन अवधियों से जाना जाता है: पुरानी, मध्य और नई (आधुनिक)।
पुरानी फारसी मूल रूप से परसुवाश नामक एक जनजाति द्वारा बोली जाती थी।
जो पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व में ईरानी पठार में पहुंचे।
उनकी भाषा, पुरानी फारसी (oldest spoken languages), अचमेनिद राजाओं की आधिकारिक भाषा बन गई।
मध्य फ़ारसी को पुरानी फ़ारसी के बाद का रूप माना जाता है।
लगभग 9वीं शताब्दी के बाद से, मध्य फ़ारसी नई भाषा बन गयी, जबकि दोनों की लेखन प्रणालियाँ एक थीं।
पहली बार 9वीं शताब्दी में अरबी लिपि में फ़ारसी ग्रंथ लिखे गए।
19वीं शताब्दी में, काजर राजवंश के समय, तेहरान में बोली जाने वाली भाषा प्रमुखता से बढ़ी।
इसमें पर्याप्त अरबी शब्दावली थी, और इसके कई शब्द फ़ारसी भाषा में शामिल किये गए हैं।
ईरानी फ़ारसी में छह स्वर और तेईस व्यंजन हैं; जबकि दारी और ताजिकी दोनों में आठ स्वर हैं।
आधुनिक फ़ारसी में कोई व्याकरणिक लिंग नहीं है।
पुरुष या स्त्री विषय का जिक्र करने के लिए एक ही सर्वनाम का उपयोग किया जाता है।
दुनिया भर में लगभग 110 मिलियन से अधिक लोग फ़ारसी भाषा (oldest spoken languages) बोलते हैं।
फ़ारसी भाषा सीखने के लिए – https://persianlanguageonline.com/
6. आरमेइक भाषा (Aramaic Language) (Oldest Spoken Languages)
मूल रूप से प्राचीन मध्य पूर्वी लोगों (जिन्हें अरामीन्स के नाम से जाना जाता था) द्वारा बोली जाने वाली आरमेइक उत्तरी मध्य या उत्तर पश्चिमी समूह की यहूदी भाषा थी।
यह भाषा हिब्रू, सिरिएक और फोनीशियन के सबसे निकट थी और इसे फोनीशियन वर्णमाला लिपि में लिखा जाता था।
माना जाता है कि पहली बार आरमेइक भाषा 11 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अंत में अरामीन्स के बीच पहुंची।
(Oldest Languages in the World)
8वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक इसे असीरियंस ने अपनी दूसरी भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया था।
असीरियंस द्वारा लोगों के निर्वासन और बेबीलोन के व्यापारियों द्वारा आरमेइक भाषा (oldest language) के इस्तेमाल करने से इसका प्रसार हुआ।
जिससे 7वीं और 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक यह मध्य पूर्व की प्रमुख भाषा बन गयी।
यह बाद में अचमेनियन फ़ारसी राजवंश (559-330 ईसा पूर्व) की आधिकारिक भाषा भी बन गई।
रोमन काल में भी आरमेइक भाषा (oldest spoken languages) विशेष रूप से फिलिस्तीन और सीरिया में बोली जाती रही।
6ठी शताब्दी ईसा पूर्व तक आरमेइक ने यहूदियों की भाषा के रूप में हिब्रू का स्थान ले लिया था।
लगभग 650 ईसवी तक आरमेइक भाषा का व्यापक उपयोग जारी रहा, बाद में अरबी ने इसे दबा दिया।
आरमेइक (oldest spoken languages) ईसा मसीह की भाषा थी।
वे गैलीलियन बोली में इस भाषा का उपयोग अपने उपदेशों में करते थे।
हिब्रू बाइबिल के कई भाग और कई अन्य धार्मिक ग्रन्थ इस भाषा में हैं।
आज इस प्राचीन भाषा (oldest languages) को बोलने वाले बहुत कम लोग बचे हैं।
आरमेइक भाषा को अलग अलग बोलियों में बोलने वाले लगभग 1 से 2 मिलियन लोग ही हैं।
सीरिया में कुछ गांवों में आज भी आरमेइक बोली जाती है।
5. हिब्रू भाषा (Hebrew Language)
फोनीशियन और मोआबी से निकट और उत्तरी मध्य या उत्तर पश्चिमी समूह की यहूदी भाषा हिब्रू है।
ऐतिहासिक रूप से, इसे इज़राइलियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाली भाषा (oldest spoken languages) माना जाता है।
लगभग 1200 से 586 ईसा पूर्व के बीच इज़राइल और यहूदा के राज्यों में हिब्रू एक बोली जाने वाली भाषा के रूप में विकसित हुई।
10वीं शताब्दी ईसा पूर्व से भी पहले मिले हिब्रू भाषा के लिखित प्रमाण, इसे दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं (oldest languages in the world) में से एक बनाते हैं।
प्रारंभिक काल में हिब्रू के कुछ व्यंजन दूसरी भाषाओं से लिए गए थे।
हिब्रू ने कई ग्रीक, लैटिन और फारसी शब्दों को भी अपनी भाषा में सम्मिलित किया।
22 अक्षरों वाली इस यहूदी भाषा को दायें से बायें लिखा जाता है।
तीसरी शताब्दी ई.पू में ग्रीक विजय के बाद इस भाषा की लोकप्रियता में कमी आयी।
मध्ययुगीन काल में हिब्रू रबी साहित्य, व्यापार और यहूदी काव्य साहित्य की भाषा (oldest languages) के रूप में जीवित रही।
लगभग सभी यहूदी बाइबिल हिब्रू भाषा में लिखी गई है।
इस कारण से, प्राचीन काल से यहूदी हिब्रू को लशोन हाकोदेश यानि ‘पवित्र भाषा’ या ‘पवित्रता की भाषा’ कहते हैं।
9वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक इस भाषा का उपयोग कम हो गया था।
19वीं शताब्दी में ज़ियोनिज़्म के उदय के साथ, हिब्रू भाषा का पुनरुद्धार हुआ।
जिसके बाद यह फिलिस्तीन में यिशुव की मुख्य भाषा और बाद में आधिकारिक रूप से इज़राइल की राष्ट्रीय भाषा बन गई।
दुनिया भर में 15 मिलियन से अधिक लोग हिब्रू भाषा (oldest spoken languages) बोलते हैं।
4. चीनी भाषा (Chinese Language) (Oldest Spoken Languages)
चीन में बोली जाने वाली चीनी भाषा दरअसल भाषाओं का एक समूह है, जो चीनी-तिब्बती भाषाओं की शाखा है।
चीनी भाषा (oldest language still spoken) में कई प्रकार की लोकप्रिय बोलियां हैं।
इनमें अधिकांश अंतर उच्चारण और शब्दावली में होते हैं, और साथ ही कुछ व्याकरणिक अंतर भी हैं।
सभी चीनी भाषाऐं (oldest spoken languages) एक सामान्य साहित्यिक भाषा (वेनियन) को साझा करती हैं, जो पात्रों के माध्यम से लिखी जाती है।
इस साहित्यिक भाषा में उच्चारण का कोई एक मानक नहीं है; एक भाषा का वक्ता अपनी भाषा के उच्चारण के नियमों के अनुसार इसको पढ़ता है।
दुनिया में किसी भी अन्य भाषा की तुलना में सबसे अधिक लोग विभिन्न प्रकार की चीनी भाषा (oldest spoken languages) बोलते हैं।
लगभग 1.3 अरब लोग (या दुनिया की आबादी का लगभग 16%) अपनी पहली भाषा के रूप में विभिन्न प्रकार की चीनी भाषा बोलते हैं।
आधुनिक चीनी भाषा संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से एक है।
चीनी भाषा (world oldest language) का पहला लिखित रिकॉर्ड 3,000 साल पहले शांग राजवंश के दौरान सामने आया था।
लगभग 1250 ईसा पूर्व के दैवीय हड्डियों पर लिखे हुए शांग राजवंश के दैवीय शिलालेख मिले हैं।
जो इसे विश्व की प्राचीनतम भाषाओं (oldest languages in the world) में से एक बनाते हैं।
पूरे चीनी चरित्र संग्रह में 50,000 से अधिक वर्ण शामिल हैं, जिनमें से केवल 10,000 ही उपयोग में हैं और केवल 3,000 चीनी मीडिया और समाचार पत्रों में अक्सर उपयोग किए जाते हैं।
किसी भी अन्य भाषा की तरह, चीनी भाषा (oldest spoken languages) ने भी अन्य संस्कृतियों के शब्दों को एक बड़ी संख्या में अपने में शामिल किया है।
चीनी अक्षरों को पारंपरिक रूप से ऊपर से नीचे तक एक कॉलम में लिखा जाता है।
3. यूनानी भाषा (Greek Language) (Oldest Spoken Languages)
कम से कम 3,400 वर्षों के लिखित रिकॉर्ड के साथ यह इंडो-यूरोपीय भाषा विश्व की प्राचीन भाषाओं (oldest spoken languages in the world) में से एक है।
ग्रीक, अपने आधुनिक रूप में, ग्रीस की आधिकारिक भाषा है, इसके अलावा यह साइप्रस, इटली, मिस्र, तुर्की और अल्बानिया में भी प्रचलित है।
यूनानी भाषा (oldest spoken languages) बाल्कन प्रायद्वीप में लगभग तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व या संभवतः उसके पहले से भी बोली जाती रही है।
(Oldest language in the world)
इस भाषा का सबसे पहला लिखित साक्ष्य मेसेनिया में पाया गया था, जो 1450 और 1350 ईसा पूर्व के बीच का है, जिससे ग्रीक दुनिया की सबसे पुरानी रिकॉर्ड की गई जीवित भाषाओं (top 10 oldest language in the world) में से एक बन गई है।
इसकी लेखन प्रणाली ग्रीक वर्णमाला है, जिसका उपयोग लगभग 2,800 वर्षों से किया जा रहा है।
पश्चिमी दुनिया के इतिहास में ग्रीक भाषा का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
होमर के महाकाव्यों सहित प्राचीन यूनानी साहित्य में कई महत्वपूर्ण ग्रन्थ हैं।
ग्रीक ही वह भाषा (oldest languages) है जिसमें विज्ञान और दर्शन के कई मूलभूत ग्रंथ रचे गए थे।
ईसाई बाइबिल का न्यू टेस्टामेंट भी मूल रूप से ग्रीक (oldest spoken languages) में लिखा गया था।
आधुनिक ग्रीक भाषा ने अपनी अधिकांश शब्दावली प्राचीन ग्रीक से विरासत में पायी है।
अंग्रेजी सहित कई अन्य भाषाओं ने भी व्यापक रूप से ग्रीक शब्दों को अपने अंदर समाहित किया है।
आज दुनिया भर में ग्रीक भाषा (oldest spoken languages) बोलने वाले लोगों की संख्या 15 मिलियन से अधिक है।
ग्रीक भाषा सीखने और उसके बारे में अधिक जानने के लिए –https://www.mfa.gr/missionsabroad/en/about-greece/history-and-culture/society.html?page=4
2. संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) (Oldest Spoken Languages)
पवित्र संस्कृत हिंदू धर्म, हिंदू दर्शन और बौद्ध और जैन धर्म के ऐतिहासिक ग्रंथों की भाषा है।
संस्कृत, इंडो-यूरोपीय भाषाओं की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है।
इनमें से सबसे पुरातन वैदिक संस्कृत (oldest spoken languages) है जो ऋग्वेद में पाई जाती है।
ऋग्वेद 1500 और 1200 ईसा पूर्व के बीच रचित 1028 श्लोकों का एक संग्रह है।
जो इसे विश्व की प्राचीनतम भाषाओं (oldest languages in the world) में से एक बनाता है।
(What is the oldest language in India?)
प्राचीन द्रविड़ भाषाओं ने वैदिक संस्कृत (oldest language in India) की ध्वन्यात्मकता और वाक्य रचना को प्रभावित किया।
शास्त्रीय संस्कृत भाषा (oldest languages) परिष्कृत और मानकीकृत व्याकरणिक रूप से पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व में उभरी।
इसे पाणिनी के अष्टाध्याय (‘आठ अध्याय’) में व्यापक रूप से संहिताबद्ध किया गया था।
संस्कृत के महानतम नाटककार कालिदास द्वारा आधुनिक अंकगणित की नींव का वर्णन सबसे पहले संस्कृत (oldest spoken languages) में किया गया था।
उत्तरी भारत में 400 और 300 ईसा पूर्व के बीच दो प्रमुख संस्कृत महाकाव्य, महाभारत और रामायण, मौखिक रूप से रचे गए थे, लेकिन वे लगभग शास्त्रीय संस्कृत के समकालीन थे।
इन शताब्दियों में, संस्कृत परंपरा से बंध गयी और लोगों ने इसे सीखना बंद कर दिया, और अंततः इसका एक भाषा (oldest languages) के रूप में विकसित होना बंद हो गया।
संस्कृत भाषा की कोई एक प्रमाणित मूल लिपि नहीं है: पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत से, इसे विभिन्न ब्राह्मी लिपियों में लिखा गया था, और आधुनिक युग में आमतौर पर देवनागरी में लिखा जाता है।
संस्कृत भाषा (oldest spoken languages) भारत की सांस्कृतिक विरासत में आठवीं अनुसूची भाषाओं में मान्यता प्राप्त है।
हालाँकि, पुनरुत्थान के प्रयासों के बावजूद, आज भारत में संस्कृत को प्रथम भाषा के रूप में बोलने वाले बहुत कम हैं।
1. प्राचीन मिस्री (Egyptian Language) (Oldest Spoken Languages)
पहली ज्ञात भाषा (world first language) अफ्रीकी महाद्वीप पर एक प्रोटो-भाषा थी, और पहली ज्ञात प्रोटो-लेखन प्रणाली नाइजीरिया में बनाई गई थी।
तो, यह शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस सूची की सबसे पुरानी भाषा (oldest languages) भी अफ्रीका से है और यह एफ्रो-एशियाई भाषा है।
इस विश्व की सबसे प्राचीन भाषा (oldest languages in the world) का इतिहास चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व से भी अधिक पुराना है।
प्राचीन मिस्री का सबसे पुराना ज्ञात पूर्ण लिखित वाक्य लगभग 2690 ईसा पूर्व का है, जो इसे सबसे पुरानी भाषाओं (first language in the world) में से एक बनाता है।
प्राचीन मिस्री भाषा (oldest spoken languages) के वंशजों को आज कॉप्टिक कहा जाता है।
17 वीं शताब्दी ईस्वी के अंत तक मिस्र में कॉप्टिक सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा थी, लेकिन मिस्र पर अरबी, मुस्लिम आक्रमण ने इस स्थिति को बदल दिया।
प्राचीन मिस्री या मिस्र की भाषा उन्नीसवीं शताब्दी के बाद से सामान्य लोगों द्वारा नहीं बोली जा रही है, लेकिन यह तकनीकी रूप से आज भी उपयोग में है।
इस भाषा (oldest spoken languages) का उपयोग मुख्य रूप से कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स चर्च ऑफ अलेक्जेंड्रिया और कॉप्टिक कैथोलिक चर्च की धार्मिक भाषा के रूप में किया जाता है।
दुर्भाग्य से, यह प्राचीन भाषा (oldest languages) शायद जल्द ही विलुप्त हो जाएगी।
दुनिया में कुछ मुट्ठी भर लोग ही बचे हैं जो इस भाषा को धाराप्रवाह बोल सकते हैं।